International Research journal of Management Science and Technology
ISSN 2250 - 1959 (online) ISSN 2348 - 9367 (Print) New DOI : 10.32804/IRJMST
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भूमण्डलीकरण के परिप्रेक्ष्य में हिन्दी का भविष्य
1 Author(s): DR REKHA
Vol - 4, Issue- 3 , Page(s) : 234 - 239 (2013 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMST
हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा है। इसे संविधान दवारा राजभाषा का दर्जा भी प्राप्त है। हिन्दी के वर्तमान स्वरुप को प्राप्त करने में हिन्दी के उदभव काल से लेकर आज तक सर्वमान्य और लोकप्रिय भाषा बनने में कर्इ शताबिदयाँ लगी हैं। इसके विकास में अनेक प्रयास हुए तथा अनेक आन्दोलन भी हुए हैं। मारीशश, फिजी, त्रिनिदाद-टुबैगो, गुयाना, नेपाल, श्रीलंका सूरनाम आदि देशों में भारतीय मूल के लोगों की भाषा हिन्दी है इसके साथ ही अमेरिका, बि्रटेन, रूस जैसे देशों में हिन्दी के प्रति विशेष रुचि उत्पन्न हो गयी है। आजकल अमेरिका-बि्रटेन में तो प्रवासी भारतीयों की इतनी अधिक संख्या है कि उन देशों में इनकी बसितयों को देखकर लघु भारत का आभास होता है। संसार के अनेक देश अपने विश्वविधालयों में हिन्दी के पठन-पाठन का प्रबन्ध कर चुके हैं।