रामनरेश त्रिपाठी और बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’ तुलनात्मक अध्ययन
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Author(s):
DR. BABITA CHAUDHARY
Vol - 5, Issue- 5 ,
Page(s) : 91 - 100
(2014 )
DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMST
Abstract
बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’, ‘कलम और तलवार’ को साहित्य और राजनीति के क्षेत्रा में ‘मसि एवं असि’ के रूप में साथ-साथ लेकर चलने वाले साहित्यकार हैं। नवीन जी पर द्विवेदी युग, छायावाद और स्वच्छन्दतावाद का प्रभाव तो है ही, पर साथ ही प्रगतिवादी स्वर भी उनमें कम नहीं है। राजनीतिक वातावरण आकृष्ट करने के कारण सन् 1920 ईú में इन्होंने गांध्ी जी के आह्वान पर काॅलेज छोड़कर राजनीति में सक्रिय भाग लिया। order prescription
- बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’, हम विषपायी जनम के, विप्लव-गायन, पृú 429
- रामनरेश त्रिपाठी, मानसी ;तृतीय संस्करणद्ध, पृú 81
- रामनरेश त्रिपाठी, स्वप्न, सर्ग-5, पद 26
- बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’, हम विषपायी जनम के, प्रलंयकर ;पराजय-गीतद्ध, पृú 423
- रामनरेश त्रिपाठी, देश का दुःखी अंग ;प्रथम संस्करणद्ध, पृú 22
- रामनरेश त्रिपाठी, पथिक, पृú 45
- बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’, प्राणार्पण, प्रस्तावना ;दूसरा गीतद्ध
- बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’, हम विषपायी जनम के, भरत-खण्ड के तुम हे जन-गुण, पृú 410
- रामनरेश त्रिपाठी, बपफाती चाचा, पृú 4
- रामनरेश त्रिपाठी, हिन्दी ज्ञानोदय ;तृतीय संस्करणद्ध, पृú 30
- बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’, हम विषपायी जनम के, प्रलयंकर ;नरक-निधनद्ध, पृú 460
- रामनरेश त्रिपाठी, जयन्त, पृú 2
- बालकृष्ण शर्मा, ‘नवीन’, हम विषपायी जनम के, प्रलयंकर ;ओ मजदूर किसान उठोद्ध, पृú 529
- रामनरेश त्रिपाठी, जयन्त, पृú 52
- बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’, रश्मि-रेखा, पृú 45
- रामनरेश त्रिपाठी, मानसी ;अन्वेषणद्ध, पृú 25
- बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’, प्रलयंकर ;गरल पियो तुम! गरल पियो तुम!!द्ध, पृú 418
- रामनरेश त्रिपाठी, कन्या शिक्षावली ;छठा भागद्ध, पृú 70-71
- डाॅú प्रभाकर माचवे, बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’, पृú 26
- बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’, हम विषपायी जनम के, प्रलयंकर ;मेरे अतीत के ज्योति लहरद्ध, पृú 504
- रामनरेश त्रिपाठी, मानसी, पृú 47
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