मेवाड़ की ट्रोय ट्रेन- ‘‘मावली-मारवाड़ रेलवे लाईन’’
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Author(s):
MANOJ KALYANA
Vol - 8, Issue- 5 ,
Page(s) : 297 - 304
(2017 )
DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMST
Abstract
सन् 1895 में महाराणा फतेहसिंह के समय मेवाड रियासत की प्रथम रेलवे ‘‘उदयपुर चित्तौड़ रेलवे’’ की स्थापना के साथ ही मेवाड में एक नये युग का सूत्रपात हुआ। उदयपुर से चित्तौड़ तक रेल मार्ग से जुड़ जाने से जहाँ एक तरफ यातायात व्यवस्था मजबूत हुई, वहीं दूसरी तरफ राज्य के राजस्व में बढ़ोतरी हुई।1 रेलवे के महत्व को ध्यान में रखते हुए महाराणा फतेहसिंह ने अपने शासन् काल मे ही एक ओर रेलवे लाईन बनवाने की योजना बनाई।
- एडमिनीस्ट्रेटिव रिपोर्ट आॅफ राजपुताना स्टेट्स, 1897-98, नं.-99
- उदयपुर राज्य का इतिहास, ओझा, भाग-2, पृष्ठ-863-864.
- मेवाड का राज्य प्रबन्ध, श्याम स्वरूप कुलश्रेष्ठ, पृष्ठ-133-135.
- रेलवे लाईन का भौगोलिक सर्वे वर्क एवं साक्षात्कार
- (क) इंडियन रेलवे, डब्ल्यु. पी. एंण्ड्रयु, पृष्ठ-37. (ख) हिस्ट्रªी आॅफ रेलवे इन राजस्थान, राम पांडे, पृष्ठ-35. (ग) मेवाड का राज्य प्रबन्ध, श्याम स्वरूप कुलश्रेष्ठ, पृष्ठ-133-135.
- (क) हिस्ट्रªी आॅफ रेलवे इन राजस्थान, राम पांडे, पृष्ठ-35. (ख) रेलवे लाईन का भौगोलिक सर्वे वर्क
- (क) हिस्ट्रªी आॅफ रेलवे इन राजस्थान, राम पांडे, पृष्ठ-35. (ख) सर्वे वर्क
- रेलवे लाईन का भौगोलिक सर्वे वर्क
- (क) सज्जन कीर्ती सुधाकर गजेटियन, 2 अप्रेल 1945, पृष्ठ-8. (ख) रेलवे लाईन का भौगोलिक सर्वे वर्क
- रेलवे लाईन का भौगोलिक सर्वे वर्क
- मेवाड का राज्य प्रबन्ध, श्याम स्वरूप कुलश्रेष्ठ, पृष्ठ-133-135.
- हिस्ट्रªी आॅफ रेलवे इन राजस्थान, राम पांडे, पृष्ठ-35.
- गोरमघाट से फुलाद रेलवे सेक्शन का सर्वे तथा रेलवे कर्मचारियों का साक्षात्कार
- सज्जन कीर्ती सुधाकर, 26जनवरी 1942, पृष्ठ-10.
- सज्जन कीर्ती सुधाकर, 02 मार्च 1942, पृष्ठ-03.
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