1. प्रो0 प्रणय, नागार्जुन की सामाजिक चेतना, पृ0 29
2. डाॅ0 विद्या बिन्दु सिंह (पत्रोŸार) डाॅ0 विवेकानन्द पिल्लै बी0एल0, विष्णु प्रभाकर के नाट्य साहित्य में सामाजिक चेतना, पृ0 227
3. विकास ‘यषकीर्ति‘, गीतों से संवाद, पृ0 संख्या - 78
4. दिनेश ‘रघुवषी‘ की फेसबुक वाॅल से साभार लिया गया।
5. विकास यषकीर्ति, गीतों से संवाद, पृ0 संख्या 79
6. डाॅ0 रामसजन पाण्डेय, (सम्पादक) उदयभानु हंस रचनावली, पृ0 संख्या-125
7. दिनेश ‘रघुवंषी‘ जी की फेसबुक वाॅल से साभार लिया गया।
8. दिनेश ‘रघुवंषी‘ जी की फेसबुक वाॅल से साभार लिया गया।
9. विकास ‘यषकीर्ति‘, गीतों से संवाद, पृ0 सं0 77
10. कवि दिनेष ‘रघुवंषी‘ जी की फेसबुक वाॅल से साभार लिया गया।
11. कवि दिनेष ‘ रघुवंषी‘ जी की फेसबुक वाॅल से साभार लिया गया।
12. कवि दिनेष ‘ रघुवंषी‘ ‘ जी की फेसबुक वाॅल से साभार लिया गया।