International Research journal of Management Science and Technology

  ISSN 2250 - 1959 (online) ISSN 2348 - 9367 (Print) New DOI : 10.32804/IRJMST

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डाॅÚ हरिशरण वर्मा के काव्य में मूल्यबोध्

    1 Author(s):  DR. RAJINDER SINGH

Vol -  7, Issue- 11 ,         Page(s) : 16 - 25  (2016 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMST

Abstract

‘मूल्य’ शब्द ‘मूल’ धतु में ‘यत्’ प्रत्यय लगाने से बना है। जिसका अर्थ है - कीमत, दाम, उपयोगिता, मोल लेने योग्य वस्तु के बदले मे दिया जाने वाला ध्न आदि। 1 ‘संस्कृत-हिन्दी कोश’ में इसे दाम, कीमत, गरिमा तथा सारता आदि अर्थों में प्रयुक्त किया गया है। 2 विशेषण के रूप में मूल्य शब्द का अर्थ है - मोल लेने योग्य। 3 ‘मूल्य’ शब्द अंग्रेजी भाषा के ‘टंसनम’ शब्द का हिन्दी रूपान्तर है। ‘टंसनम’ शब्द लैटिन भाषा के ‘वैलार’ ;टंसंतमद्ध शब्द से बना है, जिसका अर्थ है - सुन्दर, अच्छा आदि जो भिÂ-भिÂ क्षेत्रों में भिÂ- भिÂ सन्दर्भों के लिए प्रयुक्त होता है। 4 ‘बृहत् अंग्रेजी-हिन्दी कोश’ में वैल्यू ;टंसनमद्ध का अर्थ - मूल्यांकन करना, मूल्य निरूपण, मूल्य निर्माण आदि किया है। 5 ‘मूल्य’ शब्द के लिए अंग्रेजी का ‘एग्जियोलोजी’ शब्द भी प्रयुक्त किया जाता है। जो यूनानी शब्द ‘एक्सियम’ तथा ‘लागस’ के योग से बना है। ‘एक्सियम’ का अर्थ है - मूल्य या कीमत तथा ‘लागस’ का अर्थ है - तर्क, सि(ान्त, मीमांसा आदि। इस प्रकार किसी वस्तु या तथ्य पर जब विचार किया जाता है तो वह उसका वर्णन कहलाता है और किसी अन्य वस्तु की तुलना करके निर्णय दिया जाता है तो वह ‘मूल्य’ होता है। अतः ‘तथ्य’ और ‘मूल्य’ वस्तु के दो रूप हुए। 6

1. सम्पा. द्वारिका प्रसाद शर्मा, संस्कृत शब्दार्थ कौस्तुभ, पृ. 934
2. सम्पा. वामन शिवराम आप्टे, संस्कृत कोश, पृ. 640
3. वही वही
4. सम्पा. आर. के. मुखर्जी, द सोशल स्ट्रक्चर आॅपफ वैल्यूज, पृ. 21
5. सम्पा. हरदेव बाहरी, बृहत् अंग्रेजी-हिन्दी कोश, पृ. 2070
6. डाॅ. हृदयनारायण मिश्र, विश्वकोश-9, पृ. 365
7. डाॅ. रवीन्द्र दरगन, आध्ुनिक हिन्दी कविता: सांस्कृतिक मूल्य, पृ. 30-31
8. डाॅ. नगेन्द्र, मानवीकी पारिभाषिक कोश (दर्शन खण्ड), पृ. 296
9. सम्पा. आर. के. मुखर्जी, द सोशल स्ट्रक्चर आॅपफ वैल्यूज, पृ. 77
10. सम्पा. जेम्स हेस्टिंगज, इन्साइक्लोपीडिया आॅपफ रिलीजन एण्ड एथिक्स, पृ. 589
11. रोहित महत्ता, दि इंटयूटिव पिफलाॅसपफी, पृ. 39
12. प्रेडरेक एगल्स, ए टाॅपिक्स इन क्रिटिसिज़्म, पृ. 588
13. पफर्ज (बदल सकते हो दिशा), पृ. 12
14. जागो नवयुवकों वही पृ. 104
15. लेखनी से वही पृ. 41
16. उपवन (संसार एक गहरा सागर), पृ. 37
17. डाॅ. हरिशरण वर्मा, बदल सकते हो दिशा, पृ. 6
18. तमाशा (संसार एक गहरा सागर), पृ. 60
19. अनमोल रत्न आज़ादी (बदल सकते हो दिशा), पृ. 22
20. अमर वही पृ. 96
21. संघर्ष वही पृ. 76
22. वही वही पृ. 75
23. हौंसला वही पृ. 58
24. संषर्घ वही पृ. 75
25. डाॅ. हरिशरण वर्मा, संसार एक गहरा सागर, पृ. 10
26. टूटी मर्यादा (बदल सकते हो दिशा), पृ. 65
27. पफर्ज वही पृ. 11
28. वही वही वही
29. वही वही वही
30. वही वही वही
31. )ग्वेद 10/85/25-27
32. जन्मदायिनी (बदल सकते हो दिशा), पृ. 34
33. मंगल-सूत्रा वही पृ. 94
34. साथी (संसार एक गहरा सागर), पृ. 94-95
35. पीर पराई वही पृ. 108
36. नारी तो नारी है (बदल सकते हो दिशा), पृ. 36
37. नर कहता है (संसार एक गहरा सागर), पृ. 110-111
38. सम्पा. डाॅ. नगेन्द्र, भारतीय संस्कृति साहित्य और कला, पृ. 42
39. बंटवारा (बदल सकते हो दिशा), पृ. 13
40. वही वही वही
41. डाॅ. आर. डी. मिश्र, साहित्य और संस्कृति: व्यक्तिबोध् से युगबोध्, पृ. 154
42. चुनाव (संसार एक गहरा सागर), पृ. 87
43. पफर्ज (बदल सकते हो दिशा), पृ. 12
44. गाँध्ी वही पृ. 26
45. सन्देश वही वही
46. ममता वही पृ. 21
47. पफर्ज वही पृ. 12

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