1ऋग्वेद - 10/3/6
2ऋग्वेद - 1/124/3
3कठोपनिषद् - 6/12
4. योमान् द्वेष्टि यं वयं द्विष्मस्तं वो जम्मे दहमः।। अथर्ववेद - 3/27/1-6
5. तैत्तिरीय आरण्यक - 9/1 6.
6 ऋग्वेद - 1/1/9
7. ऋग्वेद-10/191/2, अथर्ववेद -6/64/1
8. ईशावास्योपनिषद्-प्रथम मंत्रा
9. इन्द्रासोमा समघशंसमभ्ययघं तपुर्ययस्तु चरुरग्नि वाँ इव। ब्रह्मद्विषे क्रव्यादे घोरचक्षसे द्वेषो धत्तमनवायं किमीदने।। ऋग्वेद -
7/104/2
10. ऋग्वेद - 6/75/14
11. यजुर्वेद - 3/30
12. यजुर्वेद - 12/110
13.यजुर्वेद - 2/28
14. ईशावास्योपनिषद् - द्वितीय मंत्रा
15. अथर्ववेद - 1/31/4
16.यजुर्वेद - 19/11
17. अथर्ववेद - 3/30/2-3
18. अथर्ववेद - 3/30/1
19. यजुर्वेद - 24/1
20. ऋग्वेद - 1/91/8
21. अथर्ववेद - 7/115/2
22. अथर्ववेद - 7/115/4
23. अथर्ववेद - 7/115/1
24. यजुर्वेद - 33/78
25. ऋग्वेद - 7/94/7
26. जिह्वाया अग्रे मधु में जिह्वामूले मूधुलकम्। ममेदह कृतावसो मम चित्तमुपयसि। मध्ुमन्मे निक्रमणं मध्ुमन्मे परायणम्। वाचा
वदामि मध्ुमत् भूयासं मध्ुसन्दृशम्।। अथर्ववेद - 1/34/2-3
27. अथर्ववेद - 3/13/5
28. ऋग्वेद - 10/164/3