International Research journal of Management Science and Technology

  ISSN 2250 - 1959 (online) ISSN 2348 - 9367 (Print) New DOI : 10.32804/IRJMST

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इक्कीसवीं सदी के कथा साहित्य में अभिव्यक्त सामाजिक मूल्य

    1 Author(s):  SHIVAKUMAR C.S. HADAPADA

Vol -  6, Issue- 10 ,         Page(s) : 157 - 163  (2015 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMST

Abstract

मूल्य (value) वे सांस्कृतिक अथवा व्यक्तिगत अवधारणाएँ एवं आदर्श है, जिनके द्वारा वस्तुओं और घटनाओं को एक d की जाती है। वे व्यवहार के ऐसे पैमाने हैं जिनके आधार पर अच्छे-बूरे, वांचित-अवांचित, सही-गलत आदि का निर्णय किया जाता है। न्याय, स्वतंत्रता, देशभक्ति, अहिंसा, सत्य और समानता आदि मूल्यों के कुछ उदाहरण हैं। वे सभी गुण स्वस्थ एवं संतुलित सामाजिक जीवन के लिए आवश्यक हैं। मूल्य अधिकांशतः घटनाओं में भरे हुते है, क्योंकि वे उन बातों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिन्हें हम अच्छा मानते है, जिनकी रक्षा करना हम अपना कर्तव्य मानते है।

  1. इक्कीसवीं सदी का कथा साहित्य दृडॉण्नागराज एन शेट थेमटिकस पब्लिकेशनसए लातूरए महाराष्ट्र।
  2. उषा प्रियंवदा के कथा साहित्य में सामाजिक और मनोवैज्ञानिक युग चिन्तन.डॉण्जयश्री बप्हाटेए विद्दा प्रकाशन कानपुरए 2013
  3.  शानी का कहानी साहित्य दृ रेयान परवीनए एसण्एसण्पब्लिकेशनस दिल्ली 2009।
  4. समकालीन हिंदी साहित्य विविध विमर्श.संण्प्रोण्श्रीराम शर्मा वाणी प्रकाशन नई दिल्लीए 2009
  5. इक्कीसवीं सदी का हिंदी साहित्य समयए समाज और संवेदना.संण्रवीन्द्रनाथ मिश्रएलोकभारती प्रकाशन इलाहाबाद 2011
  6. साहित्य कुंज.अंतर्जाल की हिन्दी पत्रिका 2014

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