International Research journal of Management Science and Technology

  ISSN 2250 - 1959 (online) ISSN 2348 - 9367 (Print) New DOI : 10.32804/IRJMST

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भारतीय इतिहास - मुगल काल

    1 Author(s):  DEVENDER KUMAR

Vol -  5, Issue- 12 ,         Page(s) : 196 - 199  (2014 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMST

Abstract

मुग़ल साम्राज्य (फ़ारसी: मुग़ल सलतनत-ए-हिंद; तुर्की: बाबर इम्परातोरलुग़ु), एक इस्लामी तुर्की-मंगोल साम्राज्य था जो 1526 में शुरू हुआ, जिसने 17 वीं शताब्दी के आखिर में और 18 वीं शताब्दी की शुरुआत तक भारतीय उपमहाद्वीप में शासन किया और 19 वीं शताब्दी के मध्य में समाप्त हुआ। मुग़ल सम्राट तुर्क-मंगोल पीढ़ी के तैमूरवंशी थे और इन्होंने अति परिष्कृत मिश्रित हिन्द-फारसी संस्कृति को विकसित किया। 1700 के आसपास, अपनी शक्ति की ऊंचाई पर, इसने भारतीय उपमहाद्वीप के अधिकांश भाग को नियंत्रित किया - इसका विस्तार पूर्व में वर्तमान बंगलादेश से पश्चिम में बलूचिस्तान तक और उत्तर में कश्मीर से दक्षिण में कावेरी घाटी तक था। उस समय 40 लाख किमी² (15 लाख मील²) के क्षेत्र पर फैले इस साम्राज्य की जनसंख्या का अनुमान 11 और 13 करोड़ के बीच लगाया गया था। 1725 के बाद इसकी शक्ति में तेज़ी से गिरावट आई। उत्तराधिकार के कलह, कृषि संकट की वजह से स्थानीय विद्रोह, धार्मिक असहिष्णुता का उत्कर्ष और ब्रिटिश उपनिवेशवाद से कमजोर हुए साम्राज्य का अंतिम सम्राट बहादुर ज़फ़र शाह था, जिसका शासन दिल्ली शहर तक सीमित रह गया था। अंग्रेजों ने उसे कैद में रखा और 1857 के भारतीय विद्रोह के बाद ब्रिटिश द्वारा म्यानमार निर्वासित कर दिया।

  1. कुबेरनाथ रायए पाँत का आखिरी आदमीए पत्रमणिपुतुल के नामए गांधी शान्ति प्रतिष्ठानए१९८०ए पृष्ठ.१८.१९।
  2. कुबेरनाथ रायए पाँत का आखिरी आदमीए पत्रमणिपुतुल के नामए गांधी शान्ति प्रतिष्ठानए१९८०ए पृष्ठ.१३।
  3. महात्मा गांधीए मेरा सपनाए पंचायत राजए नवजीवन प्रकाशन मंदिरएअहमदाबाद
  4. कुबेरनाथ रायए नई सरस्वती का आह्वानए पत्र मणिपुतुल के नामए गांधी शान्ति प्रतिष्ठानए१९८०ए पृष्ठ.२७
  5. कुबेर नाथ रायए शांतं सरलं सुन्दरम्ए पत्र मणिपुतुल के नामए गांधी शान्ति प्रतिष्ठानएदिल्ली.१९
  6. कुबेरनाथ रायए साहित्य उच्चगामी हो!ए पत्ररूमणि पुतुल के नामए गांधी शान्तिप्रतिष्ठानए ८३.८४।
  7. कुबेरनाथ रायए भारतीय ज्ञानपीठए१९९३ए मरालए भूमिकाए
  8. कुबेरनाथ रायए नयी सरस्वती का आह्वानए पत्रमणिपुतुल के नामए गांधी शान्ति प्रतिष्ठानए १९८०एपृष्ठ.२९
  9. कुबेरनाथ रायए स्वच्छ और सरलए पत्र मणिपुतुल के नामए गांधी शान्ति प्रतिष्ठानए१९८०ए पृष्ठ.७४
  10. कुबेरनाथ रायए साहित्य उच्चगामी हो!ए पत्र मणिपुतुल के नामए गांधी शान्ति प्रतिष्ठानए१९८०ए पृष्ठ.८९
  11. कुबेरनाथ रायए भारतीय वाङ्मय का विश्वरूपए चिन्मय भारत रू आर्ष.चिंतन के बुनियादी सूत्रए हिन्दुस्तानी अकदेमीए१९९६ए पृष्ठ.६६
  12. कुबेरनाथ रायए मरालए भारतीय ज्ञानपीठए१९९३ए पृष्ठ.१११
  13. कुबेरनाथ रायए चिन्मय भारत रू आर्ष.चिंतन के बुनियादी सूत्रए हिन्दुस्तानी अकदेमीए १९९६ए पृष्ठ.१११
  14. कुबेरनाथ रायए महाकवि की तर्जनीए नेशनल पब्लिशिंग हाउसए १९८९ए पृष्ठ. ८५.८६
  15. कुबेरनाथ रायए महाकवि की तर्जनीए नेशनल पब्लिशिंग हाउसए १९८९ए पृष्ठ.७९
  16. महात्मा गांधीए सर्वोदयए नवजीवन प्रकाशन मंदिर भूमिका वही
  17. कुबेरनाथ राय मनियारा सांपएभारतीय ज्ञानपीठए नई दिल्लीए१९६४ पृष्ठ.४४
  18. कुबेरनाथ रायए वे रसमय पुरुष थेए पत्र मणिपुतुल के नामए गांधी शान्ति प्रतिष्ठानए१९८०ए 
  19. कुबेरनाथ रायए चिन्मय भारत रू आर्ष.चिंतन के बुनियादी सूत्रए हिन्दुस्तानी अकदेमीए १९९६ए पृष्ठ.१९१।

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