International Research journal of Management Science and Technology

  ISSN 2250 - 1959 (online) ISSN 2348 - 9367 (Print) New DOI : 10.32804/IRJMST

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कुबेरनाथ राय का भारतीय साहित्य में योगदान

    1 Author(s):  SUMITI

Vol -  5, Issue- 12 ,         Page(s) : 188 - 195  (2014 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMST

Abstract

कुबेरनाथ राय से उनके जीवन के बारे में पूछने पर एक बार उन्होंने कहा था- ‘‘मेरे जीवन में कुछ भी ऐसा उग्र, उत्तेजक, रोमांटिक, अद्भुत या विशिष्ट नहीं जो कहने लायक हो। पूर्वी उत्तर प्रदेश के एक अर्ळ अभावग्रस्त सवर्ण किसान परिवार के शिक्षित और दायित्व-चेतनासम्पन्न युवक की जो नियति होती है, जैसा जीवन होता है, वैसा हमारा भी है। ...ऐसे में अपने जीवन के बारे में कौन सी अनोखी बात बताऊँ? पढ़ा-लिखा, नौकरी की, घर का खर्चा चलाया। अगल से औरों से भिन्न कुछ किया तो ललित निबन्ध लिखा। मैंने क्या लिखा, मेरे ‘अन्तर्यामी पुरूष’ ने लिखवाया। अन्यथा, इस भोजपुरी देहाती से थोड़े ही लिखा जाता।’’ यह बात वे तब कह रहे थे, जब उनका जीवन छठवें दशक के ढलान पर था। सातवें दशक से उसका फासला महज एक-दो साल का रहा होगा। तब तक वे अपने लेखन का ऐसा बहुत कुछ दे चुके थे जो आज भी मूल्यवान है। अब भी उनकी पहचान का एक बड़ा आधार उसी से तय होता है। तब तक ‘कामधेनु’ छप चुकी थी। ‘उत्तरकुरू’ और ‘मराल’ प्रकाशन के क्रम में थे। इनसे पहले के बारह निबन्ध-संग्रह पाठकों के सामने थे।

  1. कुबेरनाथ राय पाँत का आखिरी आदमी पत्रमणिपुतुल के नाम गांधी शान्ति प्रतिष्ठान १९८०ए पृष्ठ.१८.१९।
  2. कुबेरनाथ राय पाँत का आखिरी आदमी पत्रमणिपुतुल के नामए गांधी शान्ति प्रतिष्ठान१९८०, पृष्ठ.१३।
  3. महात्मा गांधी मेरा सपनाए पंचायत राज नवजीवन प्रकाशन मंदिर अहमदाबाद
  4. कुबेरनाथ राय नई सरस्वती का आह्वान पत्र मणिपुतुल के नाम गांधी शान्ति प्रतिष्ठान १९८०,  पृष्ठ.२७
  5. कुबेर नाथ राय, शांतं सरलं सुन्दर पत्र मणिपुतुल के नामए गांधी शान्ति प्रतिष्ठान दिल्ली.१९
  6. कुबेरनाथ राय साहित्य उच्चगामी हो!ए पत्ररूमणि पुतुल के नामए गांधी शान्तिप्रतिष्ठान ८३.८४।
  7. कुबेरनाथ राय भारतीय ज्ञानपीठ १९९३ मराल भूमिका
  8. कुबेरनाथ राय नयी सरस्वती का आह्वान पत्रमणिपुतुल के नाम गांधी शान्ति प्रतिष्ठान १९८०पृष्ठ.२९
  9. कुबेरनाथ राय स्वच्छ और सरल पत्र मणिपुतुल के नाम गांधी शान्ति प्रतिष्ठान१९८० पृष्ठ.७४
  10. कुबेरनाथ राय साहित्य उच्चगामी हो! पत्र मणिपुतुल के नाम गांधी शान्ति प्रतिष्ठान १९८० पृष्ठ.८९

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