International Research journal of Management Science and Technology

  ISSN 2250 - 1959 (online) ISSN 2348 - 9367 (Print) New DOI : 10.32804/IRJMST

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जैविक खेती का भारतीय कृषि में योगदान

    1 Author(s):  DR. ARVIND KUMAR

Vol -  5, Issue- 12 ,         Page(s) : 112 - 121  (2014 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMST

Abstract

जैविक खेती कृषि की एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें उत्पादन के लिये प्रयोग किये जाने वाले उर्वरकों और कीटनाशक का प्रयोग किये बिना पशु मानव एवं भूमि के स्वास्थ्य को स्थिरता प्रदान करते हुए स्वच्छता के साथ पर्यावरण को भी पोषित करे। जैविक खेती के अन्तर्गत रासायनिक उर्वरता के स्थान पर जैविक उर्वरकों का प्रयोग किया जाता है। जैविक उर्वरकों से उत्पादित खाद्यान्न मानव के स्वास्थ्य के लिये हानिकारक नहीं होते। मानव प्राचीन काल से लेकर अब तक प्रकृति द्वारा प्रदत्त प्राकृतिक संसाधनों के दोहन से अपना जीवन यापन करता रहा है लेकिन विगत कुछ दशकों में लगातार बढ़ती जनसंख्या और भौतिकवादी जीवन शैली ने पर्यावरण को अपूर्णनीय क्षति पहुॅंचाई है। इस बढ़ती हुई जनसंख्या के पेटों को भरने के लिये परम्परागत खेती रासायिक खेती में तब्दील हो गई लेकिन इस आधुनिक कृषि पद्धति और इनके उत्पन्न आहार के मानव एवं सम्पूर्ण पर्यावरण श्रंृखला पर बहुत बुरा प्रभाव डाला है।

1. भरत पाक सम्बन्ध, जे0एन दीक्षित संस्करण 2003 पृ0स037
2. राष्टीय रक्षा और सुरक्षा, प्रो0 लल्लन जी सिंह संस्करण 2003 पृ0 411
3. कारगिल संघर्ष डाॅ0 कृष्णा कुमार रत्तू ,संस्करण 2003
4. अन्तराष्ट्रीय सम्बन्ध डाॅ0 पुष्पेन्द्र पंत एवं श्रीपाल जैन, संस्करण 2000
5. दैनिक जागरण, प्रकाशन कानपुर, 5 नवम्बर 2000
6. राष्ट्रीय सहारा प्रकाशन, नई दिल्ली 10 अगस्त 1999
7. माया पत्रिका सम्पादक आलोक मिश्र, प्रकाशन इलाहाबाद 31 जुलाई 1999
8. इण्डिया टुडे प्रकाशन व सम्पादक प्रभु चावला 18 अगस्त 1999

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