1 Law of Conservation of energy-Energy neither can be created nor destroyed it is only changes it form, from one to another.
2. ‘‘नासतो विद्यते भावों नाभावो विद्यते सतः।’’ (भगवद्गीता-2/16)
3. द्रष्टव्य-तैतरीयोपनिषद् में पंचकोशों का वर्णन तथा तुलनीय पाश्चात्य बुद्धिवादी दार्शनिक लाइबनित्ज का चिदणु सम्बन्धित सिद्धान्त।
4. द्रष्टव्य-कादम्बिनी जून-2003 हिन्दुस्तान टाइम्स लि0 नई दिल्ली, पृष्ठ-35-41
5. द्रष्टव्य-यूरोपियन इन्स्टीट्यूट आॅफ आॅकोलाॅजी, मिलान, इटली के प्रो0 पियर लुइगी पेल्लिकी की रिपोर्ट।
6. द्रष्टव्य-कादम्बिनी जून-2003 हिन्दुस्तान टाइम्स लि0 नई दिल्ली पृष्ठ-38
7. जैसा कि ऐतिहासिक/पौराणिक आख्यानों में यह देखने को मिलता है-श्रीकृष्ण, भीष्म पितामह, महर्षि दधीचि, महर्षि पतंजलि, महाराजा रावण, ईसा मसीह आदि को इच्छामृत्यु की तकनीक का ज्ञान था।
8. तुलनीय - भगवद्गीता-2/62-63
9. द्रष्टव्य-अभयंसत्वसंशुद्धिज्र्ञानयोगव्यवस्थितिः .............. (भगवद्गीता-16/1)
10. द्रष्टव्य-डाॅ0 रबेका वियर्ड की विस्तृत रिपोर्ट।
11. तुलनीय-योग दर्शन में ‘ध्यान’,ं ‘धारणा’ एवं ‘समाधि’ की स्थिति।
12. द्रष्टव्य-मेलन विश्वविद्यालय के शेलडन कोहेन कार्नेगी की शोध-रिपोर्ट।
13. तुलनीय-कर्मण्येवाधिकारस्ते......................... (भगवद्गीता-2/47) एवं
योगस्थः कुरू कर्माणि ......................(वही-2/48)
14. तुलनीय-हठयोग में वर्णित शरीरस्थ चक्रों (मूलाधार, स्वाधिष्ठान, मणिपूरक, अनाहत, विशुद्ध, आज्ञा एवं सहस्रार आदि) का सिद्धान्त।
15. द्रष्टव्य-आईन्सटीन का सिद्धान्त - म् त्र डब2
16. तुलनीय- (भगवद्गीता-2/16 से 25 तक) (2) विज्ञानसम्मत ऊर्जा तथा द्रव्य का संरक्षण सिद्धान्त। (3) सर्वं खल्विदं ब्रह्म (छां0उ0 ।।।.14.1) (4) अहं ब्रह्मास्मि (वृ0उ0 1.4.10) (5) तत्वमसि (छां0 उ0 टप्ण्8ण्7द्ध (6) ब्रह्मसत्यंजगन्नमिथ्या जीवोब्रह्मैवनापरः-(शंकराचार्य का मत)
17-18 रामायणकालीन ‘संजीवनी वटी’ के समतुल्य।
19. जैसा कि रावण के ‘नाभि-मूल’ में ‘अमृत’ होने का उल्लेख रामायण में मिलता है।
20. अश्वत्थामा वलिव्र्यासो हनुमानश्च विभीषणः
कृपः परशुरामश्च सप्तैतं चिरंजीविनः।