International Research journal of Management Science and Technology
ISSN 2250 - 1959 (online) ISSN 2348 - 9367 (Print) New DOI : 10.32804/IRJMST
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भारतीय दर्शन और रविदास वाणी
1 Author(s): DR. AARTI KAUSHAL
Vol - 14, Issue- 1 , Page(s) : 124 - 126 (2023 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMST
’दर्शन से अभिप्रायः है देखना। अर्थात जीवन और जगत के प्रति एक विशिष्ट दृष्टिकोण दर्शन कहलाता है। मानव सभ्यता के उदय और विकास के साथ उसके मन में इस संसार के विभिन्न संबंधों को जानने की उत्कं्रठा उठी।