International Research journal of Management Science and Technology
ISSN 2250 - 1959 (online) ISSN 2348 - 9367 (Print) New DOI : 10.32804/IRJMST
**Need Help in Content editing, Data Analysis.
Adv For Editing Content
हिन्दी साहित्य में नारी
2 Author(s): DR. NISHAT BANO,DR. ARUN KUMAR
Vol - 11, Issue- 9 , Page(s) : 90 - 94 (2020 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMST
समाज रुपी गाड़ी को एक अकेला पहिया नहीं चला सकता इसका भार दोनों पहियों को सामान रूप से उठाना पड़ता है | इस गाड़ी का एक पहिया पुरुष है तो दूसरा पहिया स्त्री और दोनों ही एक दूसरे का संबल बनकर समाज को नयी दिशा प्रदान करते हैं,किन्तु क्या वजह है कि समाज में जो स्थान पुरुष को मिला वो स्त्री को नहीं मिला यहाँ तक कि साहित्य में भी स्त्री वर्णन में कहीं न कहीं भेदभाव ही दिखायी दिया है |