International Research journal of Management Science and Technology
ISSN 2250 - 1959 (online) ISSN 2348 - 9367 (Print) New DOI : 10.32804/IRJMST
**Need Help in Content editing, Data Analysis.
Adv For Editing Content
कहानी, कथा और बात तथा विजयदांन देथा की बातों के स्त्रोत
1 Author(s): GOKUL CHAND SAINI
Vol - 1, Issue- 2 , Page(s) : 87 - 95 (2010 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMST
भारतवर्ष में कहानी की सुदीर्घ और प्राचीन परम्परा रही है। सभी भारतीय भाषाओं में कहानी को प्रारम्भ से ही साहित्य की अन्यान्य विधाओं में केन्द्रीय विधा के रूप में स्वीकारा गया है। साहित्य के प्राचीन प्रमाण यही साबित करते हैं कि कहानी की विद्यमानता साहित्य के आदि स्वरूपों में भी रही है। ऋग्वेद भारतीय साहित्य का प्राचीनतम ग्रंथ माना गया है। उसमें प्राप्त अनेक आख्यान और संवाद कहानी के ही रूप हैं। बाद में यह परम्परा ब्राह्यण, आरण्यक और उपनिषद् जैसे ग्रन्थों में आसानी से देखी जा सकती है।